जनसुनवाई उत्तर प्रदेश शिकायत दर्ज करे तुरंत समाधान पाए, यूपी सरकार

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उत्तर प्रदेश, जो भारत का सबसे बड़ा राज्य है, उसमें जनता की समस्याएं और शिकायतें समय-समय पर सामने आती रही हैं। आम जनता की समस्याओं का समाधान करना किसी भी लोकतांत्रिक सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अभिनव पहल की शुरुआत की, जिसे हम “जनसुनवाई पोर्टल” के नाम से जानते हैं।

यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहाँ राज्य के नागरिक अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं, ट्रैक कर सकते हैं, और समाधान प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देती है।

उत्तर प्रदेश जनसुनवाई पोर्टल क्या है?

जनसुनवाई पोर्टल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विकसित एक ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली है। इसका उद्देश्य नागरिकों को एक सुगम, पारदर्शी और प्रभावी प्लेटफॉर्म प्रदान करना है, जहाँ वे अपनी समस्याएं सीधे संबंधित विभाग तक पहुँचा सकते हैं।

पोर्टल लिंक: https://jansunwai.up.nic.in

जनसुनवाई

जनसुनवाई पोर्टल की मुख्य विशेषताएं

  • नागरिक अपने घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से अपनी समस्या दर्ज कर सकते हैं।
  • एक बार शिकायत दर्ज हो जाने के बाद, आपको एक संदर्भ संख्या मिलती है जिसके माध्यम से आप अपनी शिकायत की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।
  • शिकायतों का समाधान एक निश्चित समयसीमा में किया जाता है, जिससे लोगों को त्वरित न्याय मिलता है।
  • हर शिकायत को संबंधित विभाग को स्वतः ट्रांसफर कर दिया जाता है, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित होती है।
  • Jansunwai App के माध्यम से भी शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। यह एप्लिकेशन Android और iOS दोनों प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है।
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किस प्रकार की शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं?

जनसुनवाई पोर्टल पर आप निम्नलिखित प्रकार की शिकायतें दर्ज कर सकते हैं:

विभागसंभावित शिकायतें
बिजली विभागबिजली कटौती, अधिक बिल, कनेक्शन में समस्या
पुलिस विभागFIR दर्ज न होना, पुलिस का व्यवहार
नगर निगमसाफ-सफाई, सड़कों की मरम्मत, जल निकासी की समस्या
स्वास्थ्य विभागअस्पतालों में अव्यवस्था, दवाओं की कमी
शिक्षा विभागस्कूल में फीस, शिक्षक अनुपस्थिति

जनसुनवाई पोर्टल का उपयोग कैसे करें?

  1. वेबसाइट https://jansunwai.up.nic.in पर जाएं।
  2. होमपेज पर “शिकायत दर्ज करें” विकल्प पर क्लिक करें। आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर, पता, शिकायत का विवरण आदि भरना होगा।
  3. आप अपनी शिकायत से संबंधित कोई दस्तावेज़ जैसे कि फोटो, बिल या अन्य प्रमाण संलग्न कर सकते हैं।
  4. आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा, जिसे दर्ज करने के बाद आपकी शिकायत सबमिट हो जाएगी।
  5. शिकायत दर्ज होने के बाद एक यूनिक संदर्भ संख्या मिलती है जिससे आप भविष्य में अपनी शिकायत की स्थिति जान सकते हैं।
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जनसुनवाई मोबाइल ऐप की सुविधा

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस सेवा को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च किया है:

Jansunwai App की विशेषताएं:

  • शिकायत दर्ज करने की सुविधा
  • शिकायत की ट्रैकिंग
  • पुर्नसमीक्षा का अनुरोध
  • दस्तावेज़ अपलोड

डाउनलोड लिंक:

Jansunwai Android App

जनसुनवाई पोर्टल की प्रभावशीलता

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत के बाद से लाखों लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज की हैं और अधिकांश मामलों में संतोषजनक समाधान प्राप्त किया है।

आंकड़ों की झलक (2024 के अनुसार)

  • कुल दर्ज शिकायतें: 1.2 करोड़+
  • निपटाई गई शिकायतें: 1.1 करोड़+
  • समाधान संतुष्टि रेटिंग: 85%+

CM हेल्पलाइन और जनसुनवाई का संबंध

उत्तर प्रदेश सरकार ने CM Helpline 1076 भी शुरू की है, जो जनसुनवाई पोर्टल से समन्वय में काम करती है। दोनों सेवाओं का उद्देश्य एक ही है — जनता की बात सुनना और समय पर समाधान देना

up 1076

जनसुनवाई पोर्टल की चुनौतियाँ

हालांकि यह एक प्रभावी पहल है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ अभी भी हैं:

  • कई बार शिकायतों को टालने की प्रवृत्ति देखी जाती है।
  • कुछ विभागों में जवाबदेही की कमी।
  • तकनीकी समस्याएँ जैसे OTP न आना या पोर्टल का डाउन होना।

सुझाव और सुधार

सरकार को निम्नलिखित सुधारों पर कार्य करना चाहिए:

  1. ऑनलाइन फीडबैक सिस्टम मजबूत किया जाए।
  2. निगरानी प्रणाली को अधिक सशक्त बनाया जाए।
  3. शिकायतों की पुनरावृत्ति की रोकथाम की जाए।
  4. समाधान का गुणवत्ता मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाए।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश जनसुनवाई पोर्टल सरकार की एक अत्यंत प्रभावी और जनकल्याणकारी पहल है। इसने सरकार और जनता के बीच की दूरी को कम किया है और लोगों को उनकी शिकायतों के समाधान के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म प्रदान किया है। यदि इसे और बेहतर किया जाए तो यह “गुड गवर्नेंस” की एक शानदार मिसाल बन सकती है।

FAQ- Jansunwai UP

फाइल की साइज़ को 500 KB तक सीमित कैसे करें?

आख्या को स्कैन करते समय स्कैनर की सेटिंग्स में B/W चुनें, इसके अतिरिक्त फाइल की रिजुलेशन (DPI) को न्यूनतम पर सेट करें।

यदि यूजर आई.डी. ना हो तो कैसे प्राप्त करें?

प्रमुख सचिव, जिलाधिकारी/SSP आदि के Login-Id, IGRS cell द्वारा उपलब्ध कराये गए हैं। शेष अधिकारियों के Login-Id/Password अपने जनपद के जिला सूचना विज्ञान अधिकारी से प्राप्त कर सकते हैं।

UP जनसुनवाई का निस्तारण कैसे देखें?

सबसे पहले, आपको जनसुनवाई समाधान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां पहुंचने के बाद, होमपेज पर आपको विभिन्न सेवाओं के विकल्प दिखाई देंगे। इस लिंक https://jansunwai.up.nic.in का उपयोग करके आप सीधे पोर्टल पर पहुंच सकते हैं। यह पोर्टल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित है और शिकायतों के समाधान के लिए डिज़ाइन किया गया है।

जनसुनवाई कितने दिन में होती है?

जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न स्तरों पर होने वाली जनसुनवाई और सरकारी कार्यालयों में लंबित जनता से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अब हर सरकारी कार्यालय में प्रत्येक जिम्मेदार अधिकारी को एक घंटे का समय जनता की समस्याएं सुनने के लिए देना होगा।

UP Jansunwai Portal पर शिकायत कैसे दर्ज करें?

जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के लिए jansunwai.up.nic.in पर जाएं, शिकायत दर्ज करें पर क्लिक करें, विवरण भरें, दस्तावेज़ अपलोड करें और OTP सत्यापन के बाद सबमिट करें।

उत्तर प्रदेश जनसुनवाई क्या है?

जनसुनवाई पोर्टल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विकसित एक ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली है। इसका उद्देश्य नागरिकों को एक सुगम, पारदर्शी और प्रभावी प्लेटफॉर्म प्रदान करना है, जहाँ वे अपनी समस्याएं सीधे संबंधित विभाग तक पहुँचा सकते हैं।

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1 thought on “जनसुनवाई उत्तर प्रदेश शिकायत दर्ज करे तुरंत समाधान पाए, यूपी सरकार”

  1. वर्तमान सरकार द्वारा ज़न सुनवाई पोर्टल अति उत्तम एवं अति सराहनीय कदम जितनी प्रशंसा की जाए कम है यदि वर्तमान सरकार द्वारा ज़न सुनवाई पोर्टल पर शिकायत कर्ता के मोबाइल फोन नंबर पर OTP आने के बाद शिकायत का निस्तारण करवाने का निर्णय लिया जाय तो बहुत ही निष्पक्ष जांच कार्यवाही पारदर्शिता के साथ निस्तारण ही निष्पक्ष हो सकता है अभी तक शिकायत समाधान में पारदर्शिता नहीं है संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा मनमानी की आख्या उपलब्ध कराने के बाद निस्तारण कर दिया जाता है जिससे सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं जो विभागीय अधिकारियों की करनी और कथनी है

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