PM Kisan प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनारु 2000 , लाभ कैसे ले एक विस्तृत अपडेट आज ही आवेदन करे

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PM Kisan

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां की लगभग 60% आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। लेकिन लंबे समय से किसानों को आय की अस्थिरता, प्राकृतिक आपदाओं, महंगे कृषि उपकरणों, और बाजार में उचित मूल्य न मिलने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM KISAN) की शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है जिससे वे खेती से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।

PM Kisan योजना का उद्देश्य

PM-KISAN योजना का मूल उद्देश्य है:

  1. छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  2. किसानों की आय में वृद्धि करना।
  3. उन्हें आत्मनिर्भर बनाना ताकि वे बीज, उर्वरक, कीटनाशक और अन्य कृषि सामग्री समय पर खरीद सकें।
  4. किसानों को साहूकारों से कर्ज लेने से रोकना।
  5. ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मज़बूती देना।

योजना की शुरुआत और विकास

  • घोषणा: इस योजना की घोषणा 1 फरवरी 2019 को तत्कालीन वित्त मंत्री श्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट के दौरान की थी।
  • लागू होना: योजना को 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा गोरखपुर, उत्तर प्रदेश से आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया।
  • शुरुआत में पात्रता: योजना शुरू में केवल उन किसानों के लिए थी जिनके पास 2 हेक्टेयर तक भूमि थी।
  • जून 2019 में विस्तार: बाद में योजना का विस्तार करते हुए इसे सभी किसानों के लिए खोल दिया गया, चाहे उनके पास कितनी भी भूमि हो (कुछ अपवादों को छोड़कर)।

योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता

PM-KISAN योजना के अंतर्गत सरकार पात्र किसानों को 6000 रुपये प्रति वर्ष की वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिसे तीन समान किश्तों में (2000 रुपये प्रत्येक) चार माह के अंतराल पर सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है।

किश्तों का समय-सारणी:

  1. पहली किस्त: अप्रैल – जुलाई
  2. दूसरी किस्त: अगस्त – नवंबर
  3. तीसरी किस्त: दिसंबर – मार्च

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पात्रता (Eligibility Criteria)

पात्र किसान:

  • सभी छोटे और सीमांत किसान (बाद में योजना सभी भूमिधारी किसानों के लिए खोल दी गई)।
  • किसान का नाम राजस्व रिकॉर्ड में होना चाहिए।
  • वैध आधार कार्ड और बैंक खाता अनिवार्य।
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अपात्र किसान:

निम्नलिखित श्रेणियों के किसान इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं:

  1. संस्थागत भूमि धारक।
  2. ऐसे किसान परिवार जिनके सदस्य:
    • संवैधानिक पदों पर कार्यरत हैं।
    • पूर्व/वर्तमान सांसद, विधायक, मंत्री हैं।
    • आयकरदाता हैं।
    • डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, सीए जैसे प्रोफेशनल्स हैं और नियमित रूप से प्रैक्टिस कर रहे हैं।
    • सरकारी कर्मचारी (सेवानिवृत्त या वर्तमान) हैं जिनकी पेंशन ₹10,000 से अधिक है।
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पंजीकरण प्रक्रिया (Registration Process)

ऑनलाइन पंजीकरण:

  1. PM KISAN की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. “Farmers Corner” में जाएं।
  3. “New Farmer Registration” पर क्लिक करें।
  4. आधार नंबर और कैप्चा भरें।
  5. आवश्यक विवरण (नाम, बैंक विवरण, भूमि रिकॉर्ड आदि) भरें।
  6. फॉर्म सबमिट करें और पावती प्राप्त करें।

CSC केंद्र द्वारा पंजीकरण:

जो किसान स्वयं ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कर सकते, वे कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर मदद ले सकते हैं।

जरूरी दस्तावेज़

  1. आधार कार्ड
  2. बैंक पासबुक
  3. भूमि रिकॉर्ड (जैसे खतियान, खसरा नंबर)
  4. मोबाइल नंबर
  5. पासपोर्ट साइज फोटो

योजना के लाभ

  1. आर्थिक सहायता: ₹6000 प्रति वर्ष सीधा बैंक खाते में ट्रांसफर होता है जिससे किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति में मदद मिलती है।
  2. बिचौलियों की समाप्ति: राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर होती है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है।
  3. कृषि में सुधार: समय पर सहायता मिलने से किसान फसल की बुवाई, सिंचाई और कटाई की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकते हैं।
  4. गरीबी में कमी: योजना ने किसानों की क्रय शक्ति बढ़ाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया है।
  5. डिजिटलीकरण को बढ़ावा: आधार सीडिंग, डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन पंजीकरण जैसे कदम डिजिटल भारत को आगे बढ़ाते हैं।

आलोचना और चुनौतियाँ

हालांकि योजना की सराहना हुई है, लेकिन कुछ आलोचनाएँ और चुनौतियाँ भी सामने आई हैं:

  1. पात्र किसानों की पहचान में कठिनाई: कई अपात्र लोग योजना का लाभ ले रहे हैं, जबकि कुछ योग्य किसान इससे वंचित हैं।
  2. भूमि रिकॉर्ड का अद्यतन न होना: कई जगह भूमि रिकॉर्ड पुराने हैं या डिजिटल रूप में उपलब्ध नहीं हैं।
  3. किस्तों में देरी: कुछ राज्यों में समय पर किश्त नहीं पहुंचती है।
  4. बैंक खाता और आधार की असंगति: आधार और बैंक खाता जानकारी में त्रुटियाँ ट्रांसफर में बाधा बनती हैं।

सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदम

  1. e-KYC अनिवार्य किया गया ताकि सही लाभार्थियों की पहचान हो सके।
  2. डिजिटल भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  3. मोबाइल एप्लिकेशन और हेल्पलाइन नंबर से किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।
  4. डैशबोर्ड पोर्टल से राज्यवार आंकड़े सार्वजनिक किए जा रहे हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है।

अब तक की उपलब्धियाँ (2024 तक)

  • लगभग 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को लाभ मिला है।
  • ₹2 लाख करोड़ से अधिक की राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है।
  • योजना ने कोविड-19 महामारी के समय किसानों के लिए आर्थिक राहत का काम किया।

भविष्य की संभावनाएँ

PM-KISAN योजना को भविष्य में और प्रभावशाली बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:

  1. राज्य सरकारों के साथ बेहतर समन्वय।
  2. योजना को कृषि बीमा और उर्वरक सब्सिडी से जोड़ना।
  3. बटाईदार किसानों को भी लाभ देना।
  4. कृत्रिम बुद्धिमत्ता और भू-स्थानिक तकनीकों का उपयोग।
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निष्कर्ष

PM Kisan Yojana भारत के किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इस योजना ने यह दिखाया कि यदि सरकारी योजनाओं को सही ढंग से लागू किया जाए तो वे जमीनी स्तर पर बड़ा बदलाव ला सकती हैं। हालांकि चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं, लेकिन सुधार की दिशा में किए गए प्रयास इसे एक सफल और प्रेरणादायक योजना बनाते हैं। यदि इसे सतत निगरानी और अद्यतन प्रणाली के साथ आगे बढ़ाया जाए तो यह योजना आने वाले वर्षों में भारत की कृषि व्यवस्था को पूरी तरह बदल सकती है।

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