भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर को लेकर दशकों से चले आ रहे विवाद (India Pakistan war Reasons) ने एक बार फिर से गंभीर रूप ले लिया है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में 28 नागरिकों की मौत हुई थी, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे।
जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। यह लेख विस्तार से बताता है कि कैसे 1947 से अब तक चार युद्धों ने इस विवाद को गहराया है, कौन जीता, कौन हारा और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” ने दोनों देशों को फिर से युद्ध के मुहाने पर खड़ा कर दिया है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
1947 में जब अंग्रेज़ भारत छोड़कर गए, तब भारत दो हिस्सों में बंटा — भारत और पाकिस्तान। उस वक़्त जम्मू-कश्मीर एक रियासत (राज्य) था, जिसके राजा थे महाराजा हरि सिंह। उन्होंने पहले तो न भारत में मिलना चाहा, न पाकिस्तान में। लेकिन जब पाकिस्तान के कबाइली हमलावर कश्मीर में घुस आए, तब महाराजा ने भारत से मदद मांगी और “इंन्स्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन” पर दस्तखत कर दिए। इसके बाद कश्मीर आधिकारिक तौर पर भारत का हिस्सा बन गया।
युद्ध और संघर्ष
- 1947-48: भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध हुआ।
- 1965: फिर से लड़ाई हुई।
- 1971: इस बार लड़ाई का असर बांग्लादेश बनने तक गया।
- 1999: करगिल युद्ध हुआ, जहाँ पाकिस्तानी सैनिक और आतंकवादी घुसपैठ कर आए।
आज की स्थिति
आज कश्मीर का एक हिस्सा भारत के पास है (जिसे हम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख कहते हैं) और एक हिस्सा पाकिस्तान के पास है (जिसे वो “आजाद कश्मीर” और “गिलगित-बाल्टिस्तान” कहता है)। भारत कहता है कि पूरा कश्मीर उसका अभिन्न हिस्सा है, जबकि पाकिस्तान इसे एक विवादित क्षेत्र मानता है।
धारा 370 और बड़ा बदलाव
2019 में भारत सरकार ने धारा 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जे से हटा दिया और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाँट दिया। इस फैसले पर पाकिस्तान ने काफ़ी नाराज़गी जताई, पर भारत ने साफ कहा कि ये उसका अंदरूनी मामला है।
आगे का रास्ता
कश्मीर में शांति के लिए सबसे ज़रूरी है कि आतंकवाद पर लगाम लगे, बातचीत का माहौल बने और कश्मीर के लोगों को विकास और भरोसे का माहौल मिले। दोनों देशों को समझदारी से काम लेना होगा, क्योंकि युद्ध से सिर्फ बर्बादी होती है।
अंत में:
कश्मीर सिर्फ ज़मीन का टुकड़ा नहीं है, वो एक जज़्बात है — भारत के लिए भी और वहाँ रहने वाले लोगों के लिए भी। बस ज़रूरत है सही सोच और मजबूत इरादों की, ताकि कश्मीर फिर से जन्नत बन सके।
जम्मू-कश्मीर विवाद की पृष्ठभूमि
1947 में भारत और पाकिस्तान की स्वतंत्रता के बाद जम्मू-कश्मीर का मुद्दा दोनों देशों के बीच विवाद का मुख्य कारण बना। राज्य के हिंदू शासक महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय का निर्णय लिया, जबकि राज्य की अधिकांश आबादी मुस्लिम थी। इस निर्णय के बाद 1947-48 में पहला भारत-पाक युद्ध हुआ, जिसके परिणामस्वरूप कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के नियंत्रण में आ गया, जिसे आज पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) कहा जाता है।
इसके बाद 1965 और 1971 में भी दोनों देशों के बीच युद्ध हुए, जिनका मुख्य कारण कश्मीर ही था। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भी कश्मीर विवाद ने अहम भूमिका निभाई। 2019 में भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।

22 अप्रैल 2025 का पहलगाम आतंकी हमला
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ, जिसमें 28 नागरिकों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी “द रेजिस्टेंस फ्रंट” नामक संगठन ने ली, जो कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक धड़ा है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया।
भारत की जवाबी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर
7 मई 2025 को भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। भारत के अनुसार, इन हमलों का उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को नष्ट करना था। भारत ने दावा किया कि इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।

पाकिस्तान ने इन हमलों को “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया और दावा किया कि भारत ने नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया, जिसमें 31 पाकिस्तानी नागरिकों की मौत हुई और 46 घायल हुए। पाकिस्तान ने पांच भारतीय लड़ाकू विमानों और एक ड्रोन को मार गिराने का भी दावा किया, जिसे भारत ने खारिज कर दिया।

वर्तमान स्थिति और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की कार्रवाई का बदला लेने की कसम खाई है। भारत ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है और संभावित जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों ने स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और दोनों देशों से बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने का आग्रह किया है।
भारत-पाकिस्तान युद्धों का इतिहास
1. 1947-48 का युद्ध (प्रथम कश्मीर युद्ध)
- कारण: भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय का निर्णय लिया, जिसे पाकिस्तान ने स्वीकार नहीं किया।
- परिणाम: संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से युद्धविराम हुआ, और कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के नियंत्रण में चला गया, जिसे आज पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) कहा जाता है।
2. 1965 का युद्ध
- कारण: पाकिस्तान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर के तहत कश्मीर में घुसपैठ कर विद्रोह भड़काने का प्रयास किया।
- परिणाम: भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान पर हमला किया। युद्धविराम के बाद ताशकंद समझौता हुआ, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकला।
3. 1971 का युद्ध
- कारण: पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में नागरिक अधिकारों के उल्लंघन और शरणार्थी संकट के चलते भारत ने हस्तक्षेप किया।
- परिणाम: 13 दिनों के युद्ध के बाद पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण किया, और बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।
4. 1999 का कारगिल युद्ध
- कारण: पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने कारगिल सेक्टर में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की।
- परिणाम: भारत ने घुसपैठियों को खदेड़ दिया। युद्ध में भारत की जीत हुई, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया।
2025 की हालिया घटनाएं: पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
- घटना: 22 अप्रैल 2025 पहलगाम आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की मौत हुई, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे।
- जिम्मेदारी: “द रेजिस्टेंस फ्रंट” नामक संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली, जिसे भारत ने पाकिस्तान समर्थित बताया।
7 मई 2025: भारत का ऑपरेशन सिंदूर
- कार्रवाई: भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ स्थानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिन्हें आतंकवादी ठिकाने बताया गया।
- परिणाम: पाकिस्तान ने इन हमलों को “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया और जवाबी कार्रवाई में पांच भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा किया।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और वर्तमान स्थिति
- तनाव: दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है, और सीमाओं पर सैन्य गतिविधियां बढ़ गई हैं।
- अंतरराष्ट्रीय अपील: संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन और रूस सहित कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चले आ रहे विवाद ने एक बार फिर से गंभीर रूप ले लिया है। 22 अप्रैल 2025 के आतंकी हमले और उसके बाद की जवाबी कार्रवाइयों ने दोनों देशों को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया है। ऐसे में दोनों देशों के लिए आवश्यक है कि वे संयम बरतें और बातचीत के माध्यम से इस विवाद का समाधान निकालें, ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रह सके।
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