Helpline घरेलू हिंसा | पुलिस | साइबर क्राइम | महिला हेल्पलाइन | एम्बुलेंस | उपभोक्ता शिकायत

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Helpline

जब किसी व्यक्ति को कोई समस्या आती है या उसके मन में कोई सवाल आता है और वह उसका समाधान नहीं कर पाता है तो उसे Helpline की जरूरत पड़ती है। अगर कोई तुम्हारे साथ गलत करे, तो चुप मत बैठो। आवाज़ उठाओ – और हेल्पलाइन को बताओ।” ये नंबर सिर्फ मदद के लिए नहीं हैं, इंसाफ दिलाने के लिए भी हैं।

हमारे देश भारत में हजारों लोगों को हर दिन किसी न किसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है, कभी प्रशासन के खराब व्यवहार के कारण, कभी किसी सरकारी योजना में धोखाधड़ी के कारण, कभी पैसों के लेन-देन के कारण तो कभी ऑनलाइन धोखाधड़ी के कारण, भ्रष्टाचार के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत करना होफ या फिर इमरजेंसी हेल्पलाइन के कारण लोगों को अलग-अलग तरह की Helpline की जरूरत पड़ती है।

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इसी को देखते हुए भारत सरकार ने विभिन्न विभागों में नागरिकों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन और विभाग बनाए हैं ताकि आम नागरिक अपनी समस्याओं का समाधान कर सकें। नीचे कुछ महत्वपूर्ण विभाग और उनके इमरजेंसी Helpline नंबर दिए गए हैं, जिन पर संपर्क करके आप अपनी समस्या बता सकते हैं।

Importants Helpline Numbers

सेवा का नामहेल्पलाइन नंबरविवरण
आपातकालीन सेवा (Police, Fire, Ambulance)112ऑल-इन-वन नेशनल इमरजेंसी नंबर
पुलिस100सीधा पुलिस स्टेशन
फायर ब्रिगेड101आग लगने की स्थिति
एम्बुलेंस102 / 108स्वास्थ्य संबंधित इमरजेंसी
महिला हेल्पलाइन1091महिलाओं की सुरक्षा के लिए
घरेलू हिंसा हेल्पलाइन181घरेलू हिंसा से पीड़ितों के लिए
चाइल्ड हेल्पलाइन1098बच्चों की सुरक्षा के लिए
मानसिक स्वास्थ्य सहायता1800-599-0019 / 9152987821iCall & अन्य मानसिक सहायताएं
सीनियर सिटिजन हेल्पलाइन14567बुजुर्गों के लिए सहारा
साइबर क्राइम रिपोर्ट1930ऑनलाइन ठगी व फ्रॉड की शिकायत
साइबर क्राइम वेबसाइटcybercrime.gov.inऑनलाइन शिकायत करने के लिए
रेलवे सहायता139ट्रेनों से जुड़ी सभी जानकारी
रोड एक्सीडेंट / हाईवे इमरजेंसी1033नेशनल हाइवे हेल्पलाइन
स्वास्थ्य मंत्रालय (COVID & अन्य)1075स्वास्थ्य से जुड़ी सरकारी जानकारी
आयुष्मान भारत योजना14555सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना
AIDS हेल्पलाइन1097HIV/AIDS से संबंधित सहायता
खून दान / मेडिकल जानकारी104मेडिकल से जुड़ी सामान्य सलाह
उपभोक्ता शिकायत1800-11-4000 / 14404सामान या सेवा से जुड़ी शिकायतें
घरेलू गैस लीक (LPG)1906इमरजेंसी गैस लीक रिपोर्टिंग
टूरिस्ट हेल्पलाइन1363 / 1800-111-363भारत आने वाले टूरिस्टों के लिए

Helpline का उपयोग क्यों करते है?

जब बुरा वक्त आता है, तो सबसे पहले फोन उठाते हैं “कोई एक्सीडेंट हो जाए, घर में आग लग जाए, या दादी की तबीयत एकदम बिगड़ जाए — तो सबसे पहले लोग Helpline का नंबर ढूंढते हैं। काहे? क्योंकि पुलिस, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड – यही तो आते हैं सबसे पहले!”

  • घर का मामला हो तो बात करना मुश्किल होता है “बहन को कोई परेशान कर रहा हो, या बीवी पर कोई जुल्म कर रहा हो, तो औरतें 1091 या 181 जैसे नंबर्स पर फोन करती हैं। सब कुछ चुपचाप – बिना शोर-शराबे के।”
  • मन भारी हो जाए, तो दिल का बोझ हल्का करना होता है “कभी-कभी मन बहुत परेशान हो जाता है – ना किसी से कह पाते हैं, ना सह पाते हैं। ऐसे में मानसिक हेल्पलाइन होती है – बस फोन लगाओ, और कोई अपनेपन से बात कर लेता है।”
  • बच्चों की देखभाल में भी काम आती है “अगर कोई बच्चा रास्ते में रोता मिल जाए, या बाल मजदूरी जैसा कुछ दिख जाए – तो 1098 नंबर है, बच्चा बचाने के लिए।”
  • कभी-कभी चूना लग जाता है ऑनलाइन “फोन पे लिंक आया, क्लिक किया – पैसा उड़ गया! फिर लोग साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) सर्च करते हैं – ताकि ठगी करने वाले की खबर ली जा सके।”
  • सरकारी योजना समझ में ना आए तो? “भाई, जब लोग आयुष्मान योजना, गैस सब्सिडी, राशन कार्ड, या किसान योजना वगैरह में उलझ जाते हैं – तब हेल्पलाइन पर कॉल करके समझते हैं कि कागज कहां जमा करना है, फॉर्म कहां भरना है।”
  • रेलवे, बस या सफर में कोई झंझट हो जाए “ट्रेन लेट हो जाए, टिकट कटवाना हो या किसी ने बैग चुरा लिया हो – तो 139 नंबर याद आता है। सीधे रेलवे से बात!”
National Consumer Helpline

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