Disaster Management Department Helpline Bihar | अनुग्रह अनुदान राशि

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किसी आपदा से होने वाली सम्भावित क्षति को कम करने के लिए आपदा से पूर्व, आपदा के समय एवं आपदा के बाद किये जाने वाले सुरक्षात्मक प्रयास, आर्थिक सहायता, पुनर्वास व्यवस्था, चिकित्सीय सहायता आदि आपदा प्रबन्धन कहलाते हैं। करना आपदा सम्भावित (Disaster Prone) क्षेत्र में मकान बनाना, प्रतिबन्धित करना आदि।

बिहार में आंधी तूफान वर्षा और आकाशीय बिजली ठनका गिरने से बिहार के विभिन्न जिलों में कई आदमियों की हादसे में जान चला गया इस संबंध सरकार ने उन्हें सहायता राशि भुगतान करने का निर्णय लिया है विशेष जानकारी नीचे पढ़े

सूचना पोस्ट | मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में आपदा पूर्व तैयारी की समीक्षा बैठक

दिनांक 11.04.2025 (शुक्रवार) को मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में किया गया। इस बैठक में राज्य में भीषण गर्मी, लू की स्थिति तथा संभावित सुखाड़ की पूर्व तैयारी की व्यापक समीक्षा की गई।

🔹 अपर मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई और तैयारी के दिशा-निर्देश दिए गए।
🔹 सभी जिला पदाधिकारियों को अपने-अपने जिले में स्थिति की समीक्षा कर तैयारियों का आकलन करने का निर्देश।
🔹 मुख्य सचिव ने सभी विभागों को विभागीय और क्षेत्रीय स्तर पर गंभीरता से समीक्षा करने को कहा।
🔹 दिनांक 10.04.2025 को तेज वर्षा, आंधी-तूफान एवं वज्रपात के कारण हुई दुर्घटनाओं और मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव ने सभी जिला पदाधिकारियों को आज ही अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

आपातकालीन सहायता बिहार

📞 राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र, आपदा प्रबंधन विभाग
☑️ हेल्पलाइन नंबर: 0612-2294204 / 2294205
📞 टोल फ्री नंबर: 1070

सावधान रहें, सुरक्षित रहें। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्राप्त करें।

आपदा प्रबंधन (Disaster Management) का अर्थ है आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए, आपदाओं के लिए तैयारी, प्रतिक्रिया और पुनर्प्राप्ति से निपटने के लिए संसाधनों और जिम्मेदारियों का संगठन और प्रबंधन. आपदा प्रबंधन एक सतत प्रक्रिया है जिसमें रोकथाम, तैयारी, प्रतिक्रिया और पुनर्वास शामिल हैं. 

Disaster Management Department के मुख्य चरण

  1.  आपदा पूर्व प्रबंधन:
    • खतरों की पहचान और मूल्यांकन. 
    • जोखिम कम करना (Mitigation). 
    • तैयारी करना. 
    • उदाहरण के लिए, आपदा-प्रतिरोधी संरचनाओं का निर्माण, खतरनाक क्षेत्रों में निर्माण पर प्रतिबंध, और आपदा शिक्षा. 
  2. आपदा के दौरान प्रबंधन:
    • प्रतिक्रिया करना (Response). 
    • पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना. 
    • आवश्यक सहायता प्रदान करना. 
  3. आपदा के बाद प्रबंधन:
    • पुनर्वास और पुनर्निर्माण. 
    • प्रभावित क्षेत्रों को पुनर्स्थापित करना. 
    • रोजगार और सहायता प्रदान करना. 

आपदा प्रबंधन के प्रकार

  • प्राकृतिक आपदाएं:जैसे कि भूकंप, बाढ़, तूफान, चक्रवात, सूखा, भूस्खलन. 
  • मानव निर्मित आपदाएं:जैसे कि रासायनिक दुर्घटनाएं, औद्योगिक दुर्घटनाएं, युद्ध, आतंकवाद. 

भारत में आपदा प्रबंधन:

  • भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू किया है. 
  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की स्थापना की गई है. 
  • बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) की स्थापना 2007 में की गई थी. 
  • BSDMA राज्य से लेकर गांव और समुदाय स्तर तक आपदाओं के प्रति बिहार को लचीला बनाने की कोशिश कर रहा है. 

आपदा प्रबंधन का उद्देश्य

  • खतरों से होने वाले संभावित नुकसान को कम करना या टालना.
  • आपदा के पीड़ितों को तुरंत और उचित सहायता सुनिश्चित करना.
  • तेजी से और प्रभावी ढंग से सुधार हासिल करना. 

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